अपने समाज के बारे में हिंदी व्याकरण में कभी ना कभी पढ़ा ही होगा पर आज भी बहुत सारे लोगो को यह नहीं पता की samas ke kitne bhed hote hain तो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेगे की Samas Kise Kahate Hain, Samas Ke Kitne Bhed Hote Hain जैसे अव्ययीभाव समास, तत्पुरुष समासम, द्वंद समास और बहुत कुछ तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े।
समास किसे कहते है? | Samas Kise Kahate Hain
यौगिक एक संक्षिप्त नाम है। हिंदी व्याकरण में, समास का शाब्दिक अर्थ है “संक्षिप्त रूप है। जब दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया और छोटा शब्द बनाते हैं, तो वह शब्द यौगिक कहलाता है। यौगिक संरचना दो शब्दों या वाक्यांशों से बनी होती है, जिनमें से पहले को पूर्वसर्ग के रूप में और दूसरे को पदस्थापन के रूप में जाना जाता है। इन दोनों शब्दों के योग से जो नया संक्षिप्त नाम बनता है वह पूर्ण या संयुक्त शब्द होता है। यौगिक दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बना होता है। यौगिक रूप में आने वाले शब्द एक नए शब्द का निर्माण करते हैं। शब्दों के बीच विराम चिह्न हटा दिए जाते हैं। यौगिक शब्द में, यह अंतिम पद कभी प्रभावी होता है, कभी पूर्ववर्ती पद, और कभी-कभी दूसरा पद होता है।
समास के कितने भेद होते है | Samas Ke Kitne Bhed Hote Hain
समास के कुल 6 भेद होते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं
अव्ययीभाव समास
ऐसा यौगिक जिसका प्रथम पद अर्थात पूर्वसर्ग क्रिया के साधारण (जैसे यहाँ, वहाँ, यहाँ, वहाँ, प्रत्येक, के अनुसार, प्रत्येक आदि) अनन्तिम यौगिक कहलाता है। इसमें क्रिया-विशेषण उपवाक्य का रूप लिंग, वाणी और काल में नहीं बदलता बल्कि हमेशा एक जैसा रहता है। इसमें संपूर्ण पद अभिन्न हो जाता है।
जैसे की
- यथाशक्ति- शक्ति के अनुसार
- प्रतिवर्ष – प्रत्येक वर्ष
- घरघर- प्रत्येक घर
तत्पुरुष समास
ऐसा यौगिक जिसमें दूसरा पद प्रधान होता है और पहला पाद अर्थात पूर्व पद गौण होता है, तो ऐसे यौगिक को तत्पुरुष समास कहते हैं।
जैसे की
- राजकुमार- राजा का कुमार
- तुलसीकृत- तुलसी द्वारा कृत
- प्रेमातुर- प्रेम से आतुर
- गंगाजल- गंगा का जल
तत्पुरुष समास के भेद
कर्म तत्पुरुष – मूर्तिकार (मूर्ति बनाने वाले) की तरह ‘को’ के पाश (लापता) से बने सामस।
- करण तत्पुरुष – ‘से’ और ‘द्वारा’ के विलोपन से बने यौगिकों के करण तत्पुरुष कहा जाता है। उदाहरण के लिए, तुलसीर्चित – तुलसी द्वारा रचित है।
- सम्प्रदाय तत्पुरुष – ‘के’ के लोप से बने यौगिक को सम्प्रदाय तत्पुरुष समास कहते हैं।
- अपादन तत्पुरुष – ‘से’ के विलोपन से जो यौगिक बनता है उसे अपादन तत्पुरुष यौगिक कहते हैं।
- संबंध तत्पुरुष – ‘क’, ‘की’, ‘क’ आदि के लोप से जो योग बनता है, वह यौगिक तत्पुरुष कहलात है।
- अधिकरण तत्पुरुष – ‘में’ और ‘पर’ के लोप से जो योग बनता है, वह अधिकरण तत्पुरुष समास कहलाता है।
द्वंद समास
ऐसा यौगिक जिसमें उत्तर और पूर्व दोनों ही पद महत्वपूर्ण हों, ऐसा शब्द द्वंद समास कहलाता है। यदि इस यौगिक के दोनों पदों को अलग-अलग कर दिया जाए तो उनके बीच में और, या, और जैसे शब्द आ जाते हैं।
उदाहरण के लिए
- राजरानी – राजा और रानी
- राधाकृष्ण – राधा और कृष्ण
- पति और पत्नी
- भाई और बहन
- सीताराम – सीता और राम
द्वैत समास के भेद
- युद्ध वियोजन
- यौगिक संघर्ष समाधान
- वैकल्पिक संघर्ष समाधान
- द्विगु समास
बहुव्रीहि समास
जिस यौगिक के दोनों पद अर्थात् पूर्व और उत्तर दोनों पद मुख्य न हों और उस यौगिक के अर्थ के अतिरिक्त कोई अन्य अर्थ हो और मुख्य अर्थ को दर्शाने वाला चिह्न हो, ऐसे यौगिक को बहुव्रीहि समास कहते हैं।
उदाहरण के लिए
- चक्रपाणि – चक्र जल में है (जल का अर्थ है हाथ) – भगवान विष्णु
- दशानन- दशानन किसका है (आनन का अर्थ है मुंह) – रावण
- गजानन – चिकारे के समान – गणपति
- मुरलीधर – मुरली धारण करने वाले – श्री कृष्ण
बहुपत्नी समाजों के बीच अंतर
- समाधिकरण बहुबृहि समास
- विधिकरण बहुबृहि समास
- तुल्ययोग बहुबृहि समास
- व्यातिहार बहुबृहि समास
- प्रदी बहुबृहि समास
कर्मधारय समास
ऐसा यौगिक जिसका पहला पद विशेषण हो और दूसरा पद गुण हो या एक पद रूपक हो और दूसरा पद उपमा हो, ऐसे यौगिक कर्मधारय यौगिक कहलाते हैं।
उदाहरण के लिए
- चंद्रमुख – चंद्रमा के समान चेहरा
- नीलकमल – कमल जो नीला है
- नरसिंह – वह नर जो सिंह के समान हो
- महादेव – भगवान जो महान हैं
- श्वेतांबर – सफेद जो एम्बर है (श्वेत – सफेद, एम्बर – कपड़े)
कर्मधार्य समास के भेद
- पूर्वसर्ग विशेषण
- क्रिया – विशेषण खंड
- क्रिया विशेषण
- विशेष चिंता
- विशेषण पूर्वसर्ग संयोजन
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हमने जाना की Samas Kise Kahate Hain और यह भी जाना की samas ke kitne bhed hote hain और इन भेद में अव्ययीभाव समास, तत्पुरुष समास, द्वंद समास ऐसे 6 भेद बातये है, तो हम आशा करते है की यह आर्टिकल पूरा पढ़े।