Janiye Karun Ras Ki Paribhasha Udaharan Sahit

इस ब्लॉग के माध्यम से हम karun ras ki paribhasha udaharan sahit और इसके साथ ही करुण रस के अवयव और इसके साथ ही रस के प्रकार भी जानेगे।

करुण रस की परिभाषा

हिंदी कविता में नौ मान्यता प्राप्त रसों में से एक करुण रस है। इसका स्थायी प्रभाव दु: ख है। अपनों के नाश या अपनों के बिछड़ने, द्रव्य विनाश और अलगाव, या प्रेमी से हमेशा के लिए अलग हो जाने के कारण होने वाले दुःख या दर्द को इस रस में करुण रस कहा जाता है।

करुण रस के उदाहरण

1.अवसाद से भरा अंधकार छाया,

मन में विरह का विषाद लाया।

2.शव्दहीन सपनों की वादना,

अकेलापन से हृदय में पुकार सुनाई।

3.घिरे हुए आँसू बह रहे हैं निरंतर,

व्यथित आत्मा में शोक का संगीत बसा।

करुण रस के आसान उदाहरण

4.पीड़ा की बौछार सबको गले लगाई,

करुणा के सागर में सब मिलकर बह जाएं।

5.ह्रदय के घाव बहुत गहरे और गहरे,

तपती आत्मा को बहुत दर्द देते हैं।

  1. खोये हुए आशाओं की लपटों में,

विरह के अग्नि में मन जलता है।

  1. दुःख की बारिश बनकर आँधी छाई,

विरही मन को दर्द से भरा है जगमगाई।

8.रव्यथित हृदय से बह रही हैं आहें,

विचलित आत्मा में शोक की आवाज़ गूंजती है।

9.दया की मूर्ति बनकर वह खड़ी है,

दुखी आत्मा को अश्रु बहाती है।

10.हृदय की तारीक़े छूने को तड़पती,

अकेलेपन में मन रोता है विलाप करता है।

karun ras ki paribhasha udaharan sahit जानने के बाद आइये जानते है की करुण रस के अवयव क्या है?

करुण रस के अवयव/उपकरण

करुण रस के अवयव या उपकरण निम्नलिखित हो सकते हैं:

रोना: अश्रुधारा या रोना करुण रस का प्रमुख उपकरण है, जो दुःख, दया, और विरह की भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करता है।

विलाप: विलाप करुण रस का उपकरण है, जिससे व्यक्ति अपने दुःख और पीड़ा को व्यक्त करता है, और विरह या अवसाद की भावना को जीवंत करता है।

पीड़ा: पीड़ा एक अवयव है जो करुण रस की भावना को व्यक्त करने में मदद करता है। यह दर्द, त्रास, या व्यक्ति के अनुभव की असहायता को व्यक्त करने का माध्यम हो सकती है।

स्पर्श: स्पर्श, यानी छूना या संबोधन, करुण रस का एक उपकरण है जिससे व्यक्ति दुखी व्यक्ति को साधारणतः संबोधित करके उसकी सहानुभूति या दया का अभिव्यक्ति करता है।

दया: दया करुण रस का महत्वपूर्ण उपकरण है, जो सहानुभूति, करुणा, और दुःखी व्यक्ति के प्रति संवेदना की भावना को व्यक्त करने में मदद करता है।

विरह: विरह करुण रस का अवयव है, जो व्यक्ति को अपने प्रियजन या प्रिय से अलग होने की भावना को व्यक्त करने में मदद करता है। यह अकेलापन, त्रास, और असंपूर्णता की भावनाओं को प्रकट करता है।

विषाद: विषाद करुण रस का उपकरण है, जो दुःख और उदासी की भावना को व्यक्त करने में मदद करता है। यह मन के आवेग और निराशा को बढ़ाता है।

रस के प्रकार

क्रम रस का प्रकार स्थायी भाव
1 श्रृंगार रस रति
2 हास्य रस हास
3 करुण रस शोक
4 रौद्र रस क्रोध
5 वीर रस उत्साह
6 भयानक रस भय
7 वीभत्स रस जुगुप्सा
8 अद्भुत रस विस्मय
9 शांत रस निर्वेद
10 वात्सल्य रस वत्सलता
11 भक्ति रस अनुराग

निष्कर्ष 

इस ब्लॉग के माध्यम से हमने करुण रस क्या है, karun ras ki paribhasha udaharan sahit, और करुण रस के अवयव, और इसके भेद के बारे में जाना है।

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