आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले है की MRI full form in Hindi में क्या होती है। अगर किसी भी व्यक्ति के शरीर के अंदर कोई अंग खराब हो जाता है और शरीर के अंदर कोई खतरनाक बीमारी है तो ऊपर से देखने पर उसकी पहचान नहीं हो पाती है, इसीलिए डॉक्टर एमआरआई कराने की सलाह देते हैं। अगर आपको भी MRI full form in Hindi में जननी है तो आप हमारा ये आर्टिकल पढ़ सकते है क्योकि आज हम आपको इस आर्टिकल में MRI full form in Hindi में बताने वाले है।
MRI full form in Hindi
एमआरआई एक तरह का मेडिकल टेस्ट है, जो यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि शरीर के अंदर कोई आंतरिक बीमारी तो नहीं है, अगर कोई समस्या है तो मेडिकल क्षेत्र में की गई सभी खोजों में एमआरआई को एक बहुत बड़ी खोज माना जाता है।
क्योंकि शरीर में जो भी समस्या है उसे सामने से देखकर इलाज किया जा सकता है, लेकिन आंतरिक बीमारी के लिए एमआरआई से बेहतर कोई जांच नहीं है, एमआरआई का फुल फॉर्म मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग है।
M:- Magnetic :- चुंबकिय
R:- Resonance :- अनुनाद
I:- Imaging :- प्रतिबिंब
यह दर्दरहित इलाज है, जिसमें मरीज को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है। एमआरआई का इस्तेमाल ज्यादातर शरीर के अंदर किसी तरह की बीमारी, किसी तरह की चोट या दिमाग को किसी तरह की क्षति का पता लगाने के लिए किया जाता है।
इसकी जांच के लिए रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर और मस्तिष्क में कैंसर की जांच की जाती है। इसमें मरीज के शरीर के अंदर का स्कैन किया जाता है और उस स्कैन को करने के लिए रेडिएशन की जगह मैग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल किया जाता है।
MRI Ka Full Form
पहले यदि किसी व्यक्ति को शरीर के अंदर कैंसर का ट्यूमर हो जाता था तो उसका जल्दी पता नहीं चल पाता था, लेकिन जब से एमआरआई की खोज हुई है, तब से यह चिकित्सा के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी क्रांति साबित हुई है।
इसके कारण यह शरीर के आंतरिक रोगों के उपचार में बहुत सहायक सिद्ध हुआ है, जिसे चुम्बकीय अनुनाद इमेजिंग कहते हैं। हिंदी में एमआरआई का फुल फॉर्म मैग्नेटिक या मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग कहलाता है।
MRI क्या हैं
एमआरआई एक ऐसा टेस्ट है जो कंप्यूटर द्वारा शरीर के अंदर जो भी समस्या है उसका इलाज करने के लिए किया जाता है, पहले जैसे एक्स-रे और सीटी स्कैन से किसी बीमारी का पता लगाया जाता था तो और भी बेहतर और तेज टेस्ट से किसी भी बीमारी का पता चल जाता है। एमआरआई जांच में मैग्नेट और रेडियो तरंगों का इस्तेमाल कर शरीर के अंदर की तस्वीर बनाई जाती है।
जिसमें डॉक्टर आसानी से पता लगा सकते हैं कि कंप्यूटर में क्या दिक्कत है। पहले एक एक्स-रे टेस्ट होता था जिसमें रेडिएशन का इस्तेमाल होता था जो शरीर के लिए हानिकारक होता था।
लेकिन MRI में किसी भी तरह के रेडिएशन का इस्तेमाल नहीं किया जाता, इसमें मैग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल किया जाता है और इसका इस्तेमाल शरीर के अंदरूनी अंगों की जांच के लिए किया जाता है, जिसे कंप्यूटर पर आसानी से देखा जा सकता है।
MRI क्यों किया जाता हैं
जब भी किसी व्यक्ति को शरीर के अंदर किसी तरह की बीमारी होती है तो ज्यादातर एमआरआई का ही इस्तेमाल देखा जाता है। आजकल एमआरआई का बहुत उपयोग होता है, जैसे ब्रेन ट्यूमर का पता लगाना और रीढ़ की हड्डी में सूजन। हृदय और रक्त वाहिकाओं की जांच की जाती है।
हड्डियों और जोड़ों की जांच करने के लिए, लिवर, गर्भाशय, प्रोस्टेट आदि की जांच करने के लिए। इससे शरीर के किसी भी हिस्से की जांच की जा सकती है। एमआरआई करने से शरीर के हर अंग की अंदरूनी स्थिति को कंप्यूटर पर एकदम साफ तस्वीर की तरह देखा जा सकता है।
और इससे किसी भी मरीज को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है। पहली बार एमआरआई का इस्तेमाल 1977 में कैंसर की बीमारी की जांच के लिए किया गया था, एमआरआई मशीन से शरीर के अंदरूनी हिस्से को स्कैन करके यह एक विस्तृत छवि तैयार करता है कि कहां समस्या है।
MRI कैसे होता हैं
एमआरआई एक जांच है, यह एक ऐसी जांच है कि मरीज को किसी प्रकार का दर्द या किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है, एमआरआई करते समय कुछ आवाज जरूर आती है।
लेकिन इसे लेकर किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। एमआरआई कराते समय शरीर पर किसी भी तरह की धातु की वस्तु नहीं रखनी चाहिए।
इसलिए जब भी कोई मरीज एमआरआई टेस्ट के लिए जाता है तो डॉक्टर अस्पताल का गाउन पहनकर ही करता है क्योंकि एमआरआई स्कैन में एक मजबूत चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।
इसलिए अगर कोई धातु की वस्तु शरीर पर रह जाती है, तो इससे समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि घड़ियां, किसी भी तरह के गहने, झुमके और नकली बाल क्योंकि नकली बालों में कुछ धातु के कण भी होते हैं।
गोली या क्षार या कोई धातु जो किसी व्यक्ति के शरीर के अंदर रह जाती है, तो एमआरआई जांच के दौरान यह समस्या हो सकती है, इसलिए एमआरआई जांच कराने से पहले इन सभी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
MRI का खोज किसने किया
एमआरआई के बारे में हम हमेशा सुनते हैं, अगर दिमाग में कोई समस्या हो, हड्डी में चोट लगी हो, हड्डी में दर्द हो, दिमाग में ट्यूमर या कैंसर का संदेह हो तो एमआरआई जरूर कराई जाती है। .
लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि एमआरआई की खोज किसने की थी, तो एमआरआई की खोज किसी एक व्यक्ति ने नहीं की थी, इसे कई लोगों ने मिलकर किया था।
जैसे पॉल लॉटरबर, पीटर मैन्सफील्ड और रेमंड दामाडियन पॉल लॉटरबर ने पहली बार 1973 में चुंबकीय क्षेत्र का इस्तेमाल किया और छवि बनाई।
उन्होंने इस तकनीक का नाम Zeugmatography रखा। लेकिन मानव शरीर के अंदर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की पहचान करने के लिए सबसे पहले रेमंड दामाडियन ने पूरे शरीर को स्कैन करने के लिए एमआरआई का आविष्कार किया।
इस तरह एमआरआई का आविष्कार किसी एक व्यक्ति ने नहीं बल्कि कई लोगों ने मिलकर किया था और आज के दौर में शरीर के अंदर किसी भी तरह की बीमारी का पता लगाने के लिए एमआरआई एक बहुत ही प्रभावी और बहुत अच्छा टेस्ट है।
MRI से फायदा
एमआरआई करते समय उस एमआरआई मशीन में रेडियोवेव्स ग्रेडिएंट और एक कंप्यूटर का इस्तेमाल कर चुम्बकों की जांच की जाती है। एमआरआई कराने से काफी फायदा होता है।
क्योंकि पहले अगर किसी व्यक्ति को कैंसर हो जाता था, ट्यूमर हो जाता था, तो ऐसा कोई टेस्ट नहीं होता था जिससे पता चल सके और इलाज हो सके।
और वह व्यक्ति आखिरी समय में कैंसर के कारण मर जाता था, लेकिन आजकल एमआरआई टेस्ट कराकर कई तरह की बीमारियों का पता लगाया जा सकता है, जैसे हड्डियों और जोड़ों में दर्द का पता लगाया जा सकता है।
दिमाग में किसी भी तरह की बीमारी का पता चल जाता है और शरीर में कैंसर और ट्यूमर का पता लगाया जा सकता है, साथ ही एमआरआई जांच से शरीर के अंदर कई तरह की बीमारियों की जानकारी ली जा सकती है।
इसीलिए MRI की खोज को चिकित्सा के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी खोजों में से एक माना जाता है। इस टेस्ट को कराने में 4000 से 5000 तक का खर्च आता है लेकिन अगर कोई इसे सरकारी अस्पताल में करवाता है तो यह टेस्ट कम खर्च में किया जाता है।
MRI से नुकसान
वैसे एमआरआई कराने से किसी मरीज को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है लेकिन अगर उसमें कुछ आवाज आती है तो उसके लिए डॉक्टर से ईयर प्लग लगवाने के लिए कह सकते हैं।
ताकि उन्हें आवाज सुनाई न दे, यह सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि कई बीमारियों का पता लगाया जा सकता है, लेकिन कोई भी मशीन कभी-कभी कुछ नुकसान पहुंचा देती है।
वैसे तो डॉक्टर एमआरआई करने से पहले मरीज से कहते हैं कि शरीर पर किसी भी तरह की धातु न रखें।
लेकिन कभी-कभी गलती से कोई धातु की वस्तु रोगी के शरीर पर लग जाती है तो यह बहुत खतरनाक साबित होती है।
क्योंकि एमआरआई मशीन में शक्तिशाली चुम्बकों और रेडियो तरंगों का उपयोग करके शरीर के आंतरिक अंगों का उपचार किया जाता है।
इसलिए यदि किसी भी प्रकार की धातु की वस्तु शरीर पर आ जाए तो वह तेज गति से अपनी ओर आकर्षित होने लगती है और रोगी के शरीर को चोट भी लग सकती है।
निष्कर्ष
आज हमने आपको इस आर्टिकल में बताया की MRI full form in Hindi में क्या होती है। अब आपको भी पता चल गया है की MRI full form in Hindi में क्या होती है, हमे उम्मीद है आपको आपकी जानकारी मिल गयी होगी।