आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले है की Chaturbhuj Kise Kahate Hain अगर आपको भी नहीं पता की Chaturbhuj Kise Kahate Hain तो आपको बिलकुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योकि आज हम इस आर्टिकल में Chaturbhuj Kise Kahate Hain बताने वाले है।
Chaturbhuj Kise Kahate hain?
ऐसी समतल बंद आकृति जो चार रेखाखंडों से बंद हो उसे चतुर्भुज कहते है। एक चतुर्भुज में 4 भुजाएँ, 4 शीर्ष, 4 कोण और 2 विकर्ण होते हैं। इसके चारों कोणों का योग 360 अंश होता है।
अर्थात ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360
चतुर्भुज के प्रकार-
आधुनिक गणित में कई प्रकार के चतुर्भुज हैं। हम छठी कक्षा से 6 प्रकार के चतुर्भुजों का अध्ययन कर रहे हैं। लेकिन यहाँ आप 7 प्रकार के चतुर्भुजों के बारे में पढ़ेंगे।
1.आयत
2.चक्रीय चतुर्भुज
3.वर्ग
4.विषमकोण समचतुर्भुज
5.समलम्ब चतुर्भुज
6.पतंगाकार चतुर्भुज
7.समानान्तर चतुर्भुज
1. आयत
सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं, चारों कोण समकोण पर होते हैं, विकर्ण परस्पर समद्विभाजित करते हैं और लम्बाई में बराबर होते हैं। एक वर्ग एक आयत है।
आयत से संबन्धित सूत्र
आयत का क्षेत्रफल = (लम्बाईx चौड़ाई) मीटर ²
आयत का विकर्ण = (√लम्बाई² + चौड़ाई²) मीटर
आयत का परिमाप = 2 (लम्बाई + चौड़ाई) मीटर
कमरे के चारों दीवारों का क्षेत्रफल = 2 (लम्बाई + चौड़ाई) x ऊंचाई
2. चक्रीय चतुर्भुज
जिस चतुर्भुज के चारों शीर्ष एक वृत्त पर स्थिर होते है, वो चक्रीय चतुर्भुज कहलाता है।
चक्रीय चतुर्भुज से संबन्धित सूत्र
जैसे :- ∠A + ∠C = 180°, ∠B + ∠D = 180°
3. वर्ग
वर्ग से संबन्धित सूत्र
वर्ग का क्षेत्रफल = भुजा²
वर्ग का परिमाप = 4 x भुजा
वर्ग का विकर्ण = भुजा√2
4.विषमकोण समचतुर्भुज
जिस चतुर्भुज की चारों भुजाएँ समान होती है, लेकिन उस चतुर्भुज के चारों कोण समकोण नहीं होते है, वह विषमकोण होते है।
विषमकोण समचतुर्भुज के सूत्र
विषमकोण चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × दोनों विकर्णो का गुणनफल
विषम कोण समचतुर्भुज की परिमाप = 4 × एक भुजा
समचतुर्भुज में, (AC)² + (BD)² = 4a²
5.समलंब चतुर्भुज
समलम्ब चतुर्भुज से संबन्धित सूत्र
समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ (समान्तर भुजाओं का योग x ऊंचाई)
= ½ (समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल)
= ½ (आधार x संगत ऊंचाई)
6. पतंगाकार चतुर्भुज
आसन्न भुजाओं के दो युग्म समान लंबाई के हैं। अर्थात्, एक विकर्ण चतुर्भुज को दो सर्वांगसम त्रिभुजों में विभाजित करता है, और इसलिए समान भुजाओं के दो युग्मों के बीच के कोण बराबर होते हैं। दोनों विकर्ण एक दूसरे के लम्बवत् हैं, जिन्हें इस चतुर्भुज का आधार माना जाता है।
बहुभुज: तीन या तीन से ज़्यदा भुजाओं से घिरा हुआ उत्तल क्षेत्र जिसका कोई भी कोण पुनर्युक्त न हो, उस बहुभुज कहते है।
समबहुभुज: जब बहुभुज के सभी भुजाएँ और सभी कोण आपस में समान हो, तो उसे समबहुभुज कहते है। बहुभुज एवं समबहुभुज के संदर्भ में मुख्य बातें
बहुभुज के कुछ अंतः कोणों का योग = (n – 2) × 180°
समबहुभुज के प्रत्येक अंतः कोण = (n – 2) / 2 × 180°
समबहुभुज के प्रत्येक बहिष्कोण = 360 / n
बहुभुज के कुल बहिष्कोण का योग = 360
बहुभुज के विकर्ण की संख्या = n(n – 3)/2,
निष्कर्ष
आज हमने आपको इस आर्टिकल में बताया की Chaturbhuj Kise Kahate Hain, चतुर्भुज के प्रकार, हमे उम्मीद है आपको आपकी जानकारी मिल गयी होगी।