आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले है क्रिया विशेषण की परिभाषा अगर आपको भी क्रिया विशेषण की परिभाषा नहीं पता है तो आप बिलकुल भी चिंता ना करे हम आपको आज क्रिया विशेषण की परिभाषा बताने वाले है।
क्रिया विशेषण की परिभाषा
जो क्रिया की विशेषता बताते है उन शब्दों को ‘क्रियाविशेषण’ बोलते हैं। जैसे– मोहिनी सुरीला गाती है।
मोहन बहुत थक गया है।
वह धीरे बोला।
यहाँ ‘बिल्कुल’, ‘धीरे’ तथा ‘मधुर’ क्रियाविशेषण शब्द हैं। याद रहे कि ‘मधुर’ क्रियाविशेषण के रूप में अविकारी
रहता है।
उदाहरण-
रमेश मधुर गाता है- पुल्लिंग, एकवचन, वर्तमान काल, अन्य पुरुष।
लड़कियाँ मधुर गाती थीं- स्त्रीलिंग, बहुवचन, भूतकाल, अन्य पुरुष।
हम मधुर गाएँगी- स्त्रीलिंग, बहुवचन, भविष्य काल, उत्तम पुरुष।
क्रिया विशेषण के भेद या प्रकार
(1) उदाहरण के आधार पर क्रिया विशेषण के भेद
- कालवाचक (Adverb of Time)
- रीतिवाचक (Adverb of Manner)
- स्थानवाचक (Adverb of Place)
- परिमाणवाचक (Adverb of Quantity)
(2) विशेषण के भेद
- साधारण क्रिया विशेषण
- संयोजक क्रिया विशेषण
- अनुबद्ध क्रिया विशेषण
(3) रूप के उदाहरण पर क्रिया विशेषण के भेद
- मौलिक क्रिया विशेषण
- यौगिक क्रिया विशेषण
- स्थानिक क्रिया विशेषण
उदाहरण के लिए क्रिया विशेषण के भेद
- कालवाचक क्रियाविशेषण
जो क्रिया होने के समय की सूचना दे उसे क्रियाविशेषण ‘कालवाचक’ कहते हैं।
जैसे – गीता अभी आई है।
तुम अब जा सकते हो।
गौरव परसों गाएगा।
सूरज प्रतिदिन उगता है।
तुम चेन्नई कब आओगे ?
कालवाचक क्रियाविशेषण तीन तरह के होते हैं-
(क) समयवाचक- अभी, परसों, कब, तब, पश्चात्, आज, कल, अब, जब, कभी, सायं, प्रातः।
(ख) अवधिवाचक- सदैव, दिनभर, आजकल, नित्य, लगातार, निरंतर, सदा आदि।
(ग) आवृत्तिवाचक- हरदिन, रोज, हर बार, बहुधा, प्रतिवर्ष आदि ।
*पहचान-कालवाचक क्रियाविशेषण की पहचान है- क्रिया के साथ प्रश्न लगाएँ- ‘कब’ ? इसका उत्तर होगा-कालवाचक क्रियाविशेषण।
उदाहरण – मैं कल जाऊँगा’ ।
प्रश्न पूछिए- ‘मैं कब जाऊँगा ? उत्तर होगा- ‘कल ’ ।
यही कालवाचक क्रियाविशेषण है।
- स्थानवाचक क्रियाविशेषण
जो क्रिया होने के स्थान या दिशा की पहचान कराए उसे क्रियाविशेषण स्थानवाचक कहते हैं।
जैसे- सीता निचे बैठी है।
मोहन बहार गया था।
वह वहा रहता है।
पिताजी अंदर बैठे हैं।
तुम कहाँ चले हो ?
तुम इधर-उधर न जाओ।
स्थानवाचक क्रिया विशेषण के दो भेद होते हैं-
(क) स्थिति वाचक क्रिया विशेषण : वह क्रिया विशेषण, जिससे
किसी इंसान या वस्तु की स्थिति की पहचान हो, वह स्थिति
वाचक क्रिया विशेषण कहलाता है; जैसे – यहाँ, वहाँ, कहाँ, आस-पास, निकट, आर-पार, चारों ओर, जहाँ, तहाँ, नीचे, मध्य, आगे, पीछे, पास, अंदर, बाहर,आमने-सामने, दूर, प्रत्यक्ष आदि।
(ख) दिशावाचक : वह क्रिया विशेषण, जिसके द्वारा दिशा की
पहचान हो, दिशा वाचक क्रिया विशेषण कहलाता है; जैसे – दायें,
बायें, आर-पार, किधर, इधर, उधर, दूर, सामने, पीछे की
ओर इत्यादि ।
*पहचान-क्रिया के साथ ‘कहाँ’ प्रश्न लगाने से उत्तर के रूप में स्थानवाचक क्रियाविशेषण शब्द आ जाता है।
उदाहरणतया- ‘वह निचे बैठा है।’
प्रश्न किया-वह कहाँ बैठा है ? उत्तर मिला- ‘निचे ’ ।
यही स्थानवाचक क्रियाविशेषण है।
3. परिमाणवाचक क्रिया विशेषण-
जिन विशेषणों से क्रिया की मात्रा या उसके परिमाण की पहचान हो उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं जैसे-
वह बिल्कुल थक गया है।
उतना खाओ, जितना पचा तको।
कम बोला करो।
चावल अधिक न खाया करो।
परिमाण वाचक क्रिया विशेषण 5 प्रकार के होते हैं –
1.तुलनावाचक – कम, अधिक, कितना, जितना इत्यादि।
2.न्यूनतावाचक – अल्प, थोड़ा, टुक, लगभग आदि।
3.आधिक्यवाचक – खूब, अत्यन्त, अति, बिल्कुल, भारी इत्यादि।
4.क्रमवाचक – बारी-बारी, थोड़ा-थोड़ा, एक-एक करके,
तिल-तिल इत्यादि ।
- पर्याप्तिवाचक – केवल, ठीक, बराबर, काफी, बस इत्यादि
- पर्याप्तिवाचक – केवल, ठीक, बराबर, काफी, बस इत्यादि
*पहचान-क्रिया के साथ ‘कितना/कितनी’ प्रश्न लगाने से उत्तर में परिमाणवाची क्रियाविशेषण आता है। उदाहरणतया-
‘मैं सारी जलेबियों खा गया।”
प्रश्न किया- “कितनी खा गए ? उत्तर मिलेगा- ‘सारी ’ ।
यही परिमाणवाची क्रियाविशेषण है।
क्रिया विशेषण में परिवर्तन-
अविकारी होते हुए भी कभी-कभी क्रियाविशेषण शब्दों में कुछ परिवर्तन आ जाता है।
जैसे- यह फल अच्छा पका है।
धोती अच्छी धुली है।
चाँद कैसा चमकता है ?
चाँदी कैसी लगती है ?
इन वाक्यों में मोटे काले छपे शब्द क्रियाविशेषण हैं, फिर भी उनमें परिवर्तन (विकार) आ गया है। परंतु ये अपवाद ही हैं।
विशेषण और क्रिया विशेषण में समानता
विशेषण और क्रियाविशेषण-दोनों में समानता यह है कि दोनों विशेषता दिखने वाले शब्द हैं। दोनों किसी-न-किसी विशेषता के सूचक होते हैं। ये जिसकी विशेषता दिखते हैं, उसके साथ संबंधित रहते हैं। उन संबंधित पदों को ‘विशेष्य’ कहते हैं।
निष्कर्ष
आज आपको इस आर्टिकल में बताया क्रिया विशेषण की परिभाषा, उदाहरण के लिए क्रिया विशेषण के भेद, क्रियाविशेषण में परिवर्तन- और विशेषण और क्रियाविशेषण में समानता, हमे उम्मीद है आपको आपकी जानकरी मिल गयी होगी।